मैंने पूछा कि क्या मुझे प्रार्थना करनी चाहिए।
लेकिन ब्राह्मण ने कहा,
“प्रार्थना में कुछ मत माँगो,
हर रात सोने से पहले यह कहो,
'मैं राजा बना हूँ,
मैं ग़ुलाम बना हूँ,
ऐसा कुछ भी नहीं है।
मूर्ख, बदमाश, धूर्त,
जो मैं नहीं रहा हूँ,
और फिर भी बेशुमार सिर
मेरे सीने से लगे हैं।
ताकि वह किसी लड़के के अशांत दिनों को
चिंतामुक्त कर सके
मोहिनी चटर्जी ने
इन, या इस तरह के शब्दों में कहा था,
मैं टिप्पणी में बताता हूँ,
फिर भी हो सकता है पुराने प्रेमियों ने
हमेशा इससे इंकार कर दिया हो—
क़ब्रें ही क़ब्रें हैं
जिससे वे अंधियारी पृथ्वी पर
संतुष्ट हो सकें—
पुराने सैनिकों की परेड,
अनेक जन्म हुए हैं
ताकि इस तरह की गोलाबारी
समय को दूर भगा सके,
जन्म और मृत्यु के समय मिल जाते हैं,
या, जैसा कि महान संतों का कहना है,
मनुष्य अमर पैरों से नृत्य करते हैं।
- पुस्तक : विश्व की श्रेष्ठ कविताएँ (पृष्ठ 36)
- रचनाकार : विलियम बटलर येट्स
- प्रकाशन : इंडिया टेलिंग
- संस्करण : 2020
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