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जब तुम बूढ़ी हो जाओगी

jab tum buDhi ho jaogi

अनुवाद : सरिता शर्मा

विलियम बटलर येट्स

अन्य

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विलियम बटलर येट्स

जब तुम बूढ़ी हो जाओगी

विलियम बटलर येट्स

और अधिकविलियम बटलर येट्स

    जब तुम बूढ़ी, पके बालों वाली और नींद से बोझिल होगी,

    और आग के समीप बैठ कर ऊँघोगी, इस किताब को उठा लेना,

    और धीरे से पढ़ना, उस सौम्य नज़र के बारे में सोचना,

    जो तुम्हारी आँखों में कभी थी और उनकी गहरी झलक के बारे में सोचना;

    कितने ही लोगों ने प्रेम किया तुम्हारे ख़ुशनुमा अनुग्रह के क्षणों को,

    और झूठे या सच्चे प्रेम से चाहा तुम्हारी सुंदरता को,

    लेकिन एक आदमी प्यार करता था तुम्हारी पावन आत्मा को,

    और तुम्हारे बदलते चेहरे के दुःखों को;

    और गर्म छड़ों की बग़ल में नीचे झुकते हुए,

    दुःख से बड़बड़ाना, प्यार कैसे उड़ गया

    और चढ़ गया ऊपर पहाड़ों पर

    और छिपा दिया अपना चेहरा तारों की भीड़ में।

    स्रोत :
    • पुस्तक : विश्व की श्रेष्ठ कविताएँ (पृष्ठ 37)
    • रचनाकार : विलियम बटलर येट्स
    • प्रकाशन : इंडिया टेलिंग
    • संस्करण : 2020

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