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एकटा पाप करs दिअ

ekta paap kars dia

धीरेन्द्र प्रेमर्षि

धीरेन्द्र प्रेमर्षि

एकटा पाप करs दिअ

धीरेन्द्र प्रेमर्षि

और अधिकधीरेन्द्र प्रेमर्षि

    प्रेम करब जँ पाप थिक तँ

    एकटा पाप करऽ दिअ

    तिलकोरिया युग-अधरपर

    अधरक सही छाप करऽ दिअ

    लिअ पहिरिए आइ अहाँ

    हमर सिनेहक मुन्द्रिका

    दू तन एकाकार भऽ जाए

    मना ली मधु-चन्द्रिका

    रखने छी यौवन ककर बखड़ा

    देखबै छी एना किए नखड़ा

    जीवन-पथपर यौवन रागमे

    प्रेमालाप करऽ दिअ

    प्रेम करब जँ पाप थिक तँ

    एकटा पाप करऽ दिअ

    बिहुँसैत फूलक गमकैत यौवन

    दुइए दिनक से जानि लिअ

    मुरझाकऽ पछतायब से एखने

    हमर कहल अहाँ मानि लिअ

    बड़ मोश्किलक उपज जिनगी

    धधरा करू सुनगाउ चिनगी

    नेहक तागमे देह गाँथिकऽ

    माला जाप करऽ दिअ

    प्रेम करब जँ पाप थिक तँ

    एकटा पाप करs दिअ

    स्रोत :
    • पुस्तक : ई-मिथिला
    • संपादक : बालमुकुन्द
    • रचनाकार : धीरेन्द्र प्रेमर्षि
    • संस्करण : 2025

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