धर्मेश के बेला
कुत्ते आदमी की तरह नहीं रोते थे, आदमी ही कुत्तों की तरह रोते थे
मैं बस में बैठा देख रहा था कि सारे लोग धीरे-धीरे जाग रहे थे। बड़ी अदालत ने राजधानी की सड़कों पर से आवारा कुत्तों को शहर से हटाने का फ़रमान जारी किया था। कितनी अजीब बात थी, कई महीनों से पुलिस इसी शहर