
चाय ऐसा सर्वगुणसंपन्न पेय है कि उसका गिलास हाथ में लेते ही क्लांत पथिक तरोताज़ा हो जाता है।

लार्ड कर्ज़न ने चाय पीने का फ़ैशन शुरू किया और आज यह हत्यारी बूटी सारे राष्ट्र को निगल लेने पर उतारू है। यह लाखों स्त्री-पुरुषों का हाज़मा बिगाड़ चुकी है और उनकी तंगदिली को बढ़ा रही है।
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चाय वह चीज़ है जो जीवन के हर दैनिक मोड़ को, सिविल सर्विस परीक्षा में असफल हुए हर क्लर्क को,आधी छुट्टी में हर अध्यापक को आशिर्वाद देती है। वह सुंदर है, शिव है, सत्य है।