सिस्टम पर बेला
'सिस्टम ही ख़राब है'
के आशय और अभिव्यक्ति में शासन-व्यवस्था या विधि-व्यवस्था पर आम-अवाम का असंतोष और आक्रोश दैनिक अनुभवों में प्रकट होता रहता है। कई बार यह कटाक्ष या व्यंग्यात्मक लहज़े में भी प्रकट होता है। ऐसे 'सिस्टम' पर टिप्पणी में कविता की भी मुखर भूमिका रही है।
विश्वविद्यालय के प्रेत
सन् सत्रह के जुलाई महीने की चौथी तारीख़ थी। मैं अच्छे बच्चे की तरह बारहवीं के आगे की पढ़ाई करने के लिए काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में दाख़िला लेने के लिए बनारस जा पहुँचा था। कॉलेजों की, यूनिवर्सिटियों क