
…मैं मानता हूँ कि सभी यात्राएँ हास्यास्पद हैं : एकमात्र यात्रा जहाँ से आप हमेशा ख़ाली हाथ नहीं लौटते हैं, वह आपके अंदर की यात्रा है।

मूढ़ता के भार का आकर्षण बहुत प्रबल होता है।
…मैं मानता हूँ कि सभी यात्राएँ हास्यास्पद हैं : एकमात्र यात्रा जहाँ से आप हमेशा ख़ाली हाथ नहीं लौटते हैं, वह आपके अंदर की यात्रा है।
मूढ़ता के भार का आकर्षण बहुत प्रबल होता है।