अंगरेज़ स्तोत्र
हे अंगरेज़! हम तुमको प्रणाम करते हैं। तुम नानागुण विभूषित, सुन्दर कान्ति विशिष्ट, बहुत संपद हो; अतएव हे अंगरेज! हम तुमको प्रणाम करते हैं। तुम हर्ता—शचुदल के; तुम कर्ता आईनादि के, तुम विधाता—नौकरियों के, अतएव हे अंगरेज़! हम तुमको प्रणाम करते हैं। तुम