(मध्यवर्गीय परिवार के फ़्लैट का एक कमरा। एक महिला रसोई में व्यस्त है। घंटी बजती है। बाई दरवाज़ा खोलती है। रजनी का प्रवेश।) रजनी : लीला बेन कहाँ हो...बाज़ार नहीं चलना क्या? लीला : (रसोई में से हाथ पोंछती हुई निकलती है) चलना तो था पर इस समय तो अमित
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जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली
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