Font by Mehr Nastaliq Web

होंठ पर बरवै

प्रेम और शृंगार की अभिव्यक्तियों

में कवियों का ध्यान प्रमुखता से होंठों पर भी रहा है। होंठों की सुंदरता और मुद्राएँ कवियों का मन मोह लेती हैं। प्रस्तुत चयन में होंठ को साध्य-साधन रखती कविताओं को शामिल किया गया है।

संबंधित विषय