आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "god of fury book download free"
Pad के संबंधित परिणाम "god of fury book download free"
गोद बैठाय जिमावत मैया
गोद बैठाय जिमावत मैया।लै ओदन घृत सानि जसोदा, श्री मुख मेलत कुँवर कन्हैया॥
गोस्वामी हरिराय
पिंड घड़े घड़ गोवळ मेल्यो
पिंड घड़े घड़ गोवळ मेल्यो, गोवळियो दिन च्यारे।जारै जिवड़ा खरचण खाटण, सुख संपत वोपारे।
जसनाथ
श्री यमुना वंदना
निकट बसाइ जनु गोद में बिठाइ मनमोद में मढ़ाइ लियौ दारिद निकंदिनी
यमुना प्रसाद चतुर्वेदी
लाड़िले बोलत है तोहि मैया
लाड़िले बोलत है तोहि मैया।संझा समे संग आवत चुंबन लेकर गोद बिठैया॥
परमानंद दास
बाल-दसा गोपाल की सब काहू प्यारी
बाल-दसा गोपाल की सब काहू प्यारी।लै-लै गोद खिलावही जसुमति महतारी॥
कृष्णदास
मैया, मैं तो चंद−खिलौना लैहौं
मैया, मैं तो चंद-खिलौना लैहौं।जैहौं लोटि धरनि पर अबहीं, तेरी गोद न ऐहौं॥
सूरदास
मांगे सुवारिन द्वार रुकाई
दीनी धूमरि धौरी पियरी और तिनकौं सारी पहिराई॥फिर सबहिन की महर जसोदा मेवा गोद भराई॥
परमानंद दास
ओ मोहन म्हारे घर आयो
नंद जसोदा धन-धन ज्यांने, ब्रह्म गोद हुलरायो।गोपी गोप बिंदराबन जमना, कीरत को जस गायो॥
रानाबाई
देखौ माई! कान्ह हिलकियनि रोवै
ग्वाल कहैं धनि जननि हमारी, सुकर सुरभि नित नोवै।बरबस हीं बैठारि गोद में, धारैं बदन निचोवै॥
सूरदास
सौरभ सुरंग सुठौनि लसत
किधौं निश पति निशि सुवन मोद सों गोद खिलावें।किधौं मधुप सुत कंज गंध पीवत न अघावें॥
बाल अली
जसोदा, तेरे भाग्य की कही न जाय
सिव नारद सुक-सनकादिक मुनि मिलिबे को करत उपाय।ते नंदलाल धूरि-धूसरि वपु रहत गोद लपटाय॥
परमानंद दास
ख़्वाजादास के पद
गगने-पवने, माटी-पानी, अगिन काहु पर नहिं बिस्वासथहकल गोड़ रीढ़ पर हमला जुद्धभूमि में उखड़ी साँस
मृत्युंजय
बहुत बेर के भूखे हो लाल
दोरी जाय कंठ लपटाने तू कह मैया मेरो कनैया।गोद बैठ हरि जेंवन लागे परमानंद दास बलि जैया॥