परिणाम "song pashto بدماشی ٹک ٹاک پشتو"
Tap the Advanced Search Filter button to refine your searches
हंसगान : (स्वान सोंग) अंतिम गान
अधिकतर कवि लगभग कवि थेअधिकतर कविता लगभग कविता
इतना चुपपगडंडी को मैंने नहीं देखा
एकबरसात कहाँ है सिवाय उम्मीद के और कहीं नहीं
(जगदलपुर का ऐतिहासिक चौक)एक कवि का संसार सीरासार चौक
यह कोई कविता कीपंक्ति नहीं है
(काँकेर नगर में बहने वाली नदी)दूध नदी की कल कल से मैंने कई बार गडिया पहाड़ के शिखर
पहली बारिश में भीगकरजंगल की मिट्टी हँसती है
लिखूँगा कविता बस्तर के सबसे घने जंगल में बैठकरकि कभी भी यहाँ एक गोली चीर सकती है किसी का भी सीना
बिहाने-बिहाने आसमान काचाँद
मेरे बचपन में जंगल हैऔर काँधे में जंगल की हँसी
जंगल के सन्नाटे में पत्तियाँ गुपचुप-गुपचुप बतियाती हैंपत्तियों को सुनना है
दूर गाँव में बज रहा है मांदरऔर आसमान में लुका-छुपी खेल रहा है चाँद
पगडंडी को छूकरएक नदी
मैं जंगल नहीं हो सकाबीच में पथरीली नदी थी
ताज़ काटन सेंटर का साइन बोर्डदिसंबर की ठिठुरती धूप में
तपते समय मेंउदास नहीं है जंगल के पेड़
महुए के गंध से बौराया है जंगलमदमस्त हाथी की तरह चिघाँड़ रहा है
मैं जंगल में साँस लेता हूँइसके सन्नाटे में
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
Urdu poetry, urdu shayari, shayari in urdu, poetry in urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
Online Treasure of Sufi and Sant Poetry
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books
हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश