आपकी खोज से संबंधित
परिणाम ".ejb"
Kavita के संबंधित परिणाम ".ejb"
प्यास नहीं जब बुझी
प्यास नहीं जब बुझी, नयन से नदी पी गया हूँइतनी सारी उम्र तरसता हुआ जी गया हूँ
कृष्ण मुरारी पहारिया
जब विश्वविद्यालय
जब विश्वविद्यालय क़िले बनाए जा रहे थेमुझे याद है इसी के आस-पास का मौसम था
पंकज विश्वजीत
जब तुम मुझसे प्यार करती हो
जब तुम मुझसे प्यार करती होतो तुम्हारा मस्तक इतना ऊँचा और ओज से भरा दिखता है
नीरव
जब सुई की आवाज़ भी ज़ुर्म समझी गई
जब सुई की आवाज़ भी ज़ुर्म समझी गईताली बजाई मैंने बार-बार
मनोज छाबड़ा
जब देह नहीं रहेगी अंत में
जो कहता था दुनिया के पीछे मत भागोवही लगता था दुनिया से भागा हुआ