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क्या इंद्र क्या राजवी
क्या इंद्र क्या राजवी, क्या सूकर क्या स्वांन।फूली तीनु लोक में, कामी एक समान॥
फूलीबाई
अच्छा क्या है
जयशंकर प्रसाद
क्या घर का क्या वाहला
क्या घर का क्या वाहला, डोरी लागी राम।आपनी आपनी जौम मै, बुडी जाय जीहान॥
संत लालदास
क्या गंगा क्या गोमती
क्या गंगा क्या गोमती, बदरी गया पिराग।सतगुर में सब ही आया, रहे चरण लिव लाग॥
फूलीबाई
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तू काहे को जग में आया
तू काहे को जग में आया, जो पै नाम से प्रीति न लाया रे।तृष्ना काम सवाद घनेरे, मन से नहिं बिसराया।
दूलनदास
सिद्ध भये तो क्या भया
सिद्ध भये तो क्या भया, किये न जग उपकार।जड़ कपास उनसे भला, परदा राखनहार॥
सुधाकर द्विवेदी
अगर जूता फिट नहीं आता है
अगर जूता फिट नहीं आता है, तो क्या हमें पैर को बदल देना चाहिए?
ग्लोरिया स्टाइनम
मेरा दिल ग़मगी है
मेरा दिल ग़मगी है तो क्या ग़मगीं यह दुनिया है सारी यह दुःख तेरा है न मेरा हम सब की जागीर है प्यारी।
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
क्या तेरा क्या मेरा मनाँ
क्या तेरा क्या मेरा मनाँ, जैसे तरवर पँख बसेरा मनाँ॥चंद न होता सूर न होता, होता दिवस न राती।