Font by Mehr Nastaliq Web

विनोद कुमार शुक्ल के उद्धरण

ज़्यादा गहरे में डूबकर मरने का डर रहता है। इस बाहरी हलचल भरी गहराई में कितनी दूर तक जा सकेंगे, जिसमें मरें नहीं।