विनोद कुमार शुक्ल के उद्धरण

यह स्वतंत्र होने का प्रदर्शन है। चिड़िया जितनी स्वतंत्र होती बिल्ली भी उतनी स्वतंत्र और उन्मुक्त होती बिल्ली हमेशा दबोचने वाली ताक़त होती।
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