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शरत चंद्र चट्टोपाध्याय के उद्धरण

यदि समग्र भाव से समस्त नारी जाति के दुःख-सुख और मंगल-अमंगल की तह में देखा जाए, तो पिता, भाई और पति की सारी हीनताएँ और सारी धोखेबाज़ियाँ क्षण भर में ही सूर्य के प्रकाश के समान आप से आप सामने आ जाती हैं।

हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

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