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गुरु नानक के उद्धरण

वेद आदि धर्म-पुस्तकों को सिर्फ़ सांसारिक व्यवहार समझें। विद्वान लोग उन्हें पढ़-पढ़कर केवल विचार करते हैं, किंतु सूझ के बिना वे सभी ख्वार होते हैं।