Font by Mehr Nastaliq Web

राधावल्लभ त्रिपाठी के उद्धरण

वाल्मीकि जगत को समग्रता में देखकर तथा उसकी समस्त प्रक्रिया के भीतर से गुज़रकर भी, उसके ऊपर उठकर उसे देख सकते हैं।