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गुरु नानक के उद्धरण

वही मनुष्य प्रभु का नाम-अमृत हासिल करता है, जिसकी नित्य-क्रिया में गुरु का श्रेष्ठ शब्द अपने अंदर बसाना तय हो जाए।