Font by Mehr Nastaliq Web

श्रीलाल शुक्ल के उद्धरण

उनकी बातचीत किसी एक ऐसी घटना के बारे में होती रही 'दोपहर', 'फंटूश', 'चकाचक', ‘ताश’, और ‘पैसे’ का ज़िक्र उसी बहुतायत से हुआ जो प्लानिंग कमीशन के अहलकारों में ‘इवैल्युएशन’, ‘कोआर्डिनेशन’, ‘डवटेलिंग’ या साहित्यकारों में ‘परिप्रेक्ष्य’, ‘आयाम’, ‘युगबोध’, ‘संदर्भ’ आदि कहने में पाई जाती है।