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कृष्ण कुमार के उद्धरण

शब्दों की भारी फ़िज़ूलख़र्ची इस युग में हुई है, हो रही है, इस कारण शब्द की सार्थकता में अविश्वास बढ़ा है और निरे कर्म के प्रति आकर्षण इतना बढ़ा है कि कर्मी उन अच्छे-भले उद्यमों का अनिवार्य प्रत्यय बन गया है जिनमें पहले से कर्म की प्रधानता थी।