Font by Mehr Nastaliq Web

अश्वघोष के उद्धरण

संसार में अपने-अपने कर्म से खींचे जाते हुए प्राणियों को कौन स्वजन है या कौन पराया? मोहवश ही एक मनुष्य दूसरे मनुष्य में आसक्त होता है।