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श्रीलाल शुक्ल के उद्धरण

संघर्षशील साहित्यकार की एक ख़ास तस्वीर बन गई है जिसमें वह कविता या कहानी या उपन्यास नहीं लिखता, वह साहित्य-सेवा या साहित्य-साधना करता है।