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बंकिम चंद्र चटर्जी के उद्धरण

रूप से भी प्रेम उत्पन्न होता है, गुण से भी प्रेम उत्पन्न होता है, क्योंकि दोनों से ही आसक्ति की लालसा उत्पन्न होती है। यदि दोनों एकत्र हो जाते हैं, तो प्रेम की उत्पत्ति शीघ्र होती है।