Font by Mehr Nastaliq Web

श्रीलाल शुक्ल के उद्धरण

प्रत्येक महापुरुष के इर्द-गिर्द ‘पालक-बालकों’ का मेला लगा हुआ है। पुरुष जब महापुरुष बन जाता है तो वह अपनी इज़्ज़त अपने ‘पालक-बालकों’ को सौंप देता है।