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वेदव्यास के उद्धरण

प्रमाद से बढ़कर इस संसार में मनुष्यों के लिए दूसरी कोई मृत्यु नहीं। प्रमादी मनुष्य को सारे अर्थ सब ओर से त्याग देते हैं और अनर्थ बिना बुलाए ही उसके पास चले आते हैं।