Font by Mehr Nastaliq Web

गुरु नानक के उद्धरण

प्रभु स्वयं प्रत्येक जीव के नज़दीक है, स्वयं ही दूर भी है। स्वयं सारे जगत में मौजूद है। स्वयं हरेक जीव की सँभाल करता है, स्वयं प्रत्येक की प्रार्थना सुनता है और स्वयं ही अपनी शक्ति से जगत को पैदा करता है।