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श्रीनरेश मेहता के उद्धरण

कोई नहीं जानता कि आदिम प्रकाश का वह प्रथम, बीज-ज्योति-कण या समय का वह प्रथम बीज-क्षण इतने गणनातीत वर्षों के बीत जाने पर भी महाज्रोति या महाकाल तक पहुँचा है कि नहीं।