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कृष्ण कुमार के उद्धरण

पाँच-सात वर्ष तक की आयु के बच्चे की दृष्टि संज्ञा की ग़ुलाम नहीं होती। वे चींज़ों को देखते हैं, उनकी संज्ञान नहीं करते। संज्ञान करना यानी संसार का वर्गीकरण और नामांकन करना।