पढ़ने का समकालीन संदर्भ काफ़ी जटिल है। आमतौर पर इसकी जटिलता को संचार की टेक्नॉलॉजी में हुए विकास और उसके ज़रिए आए सामाजिक व शैक्षिक परिवर्तनों से जोड़ा जाता है। मगर पढ़ने के संदर्भ में जटिलता का एक अन्य स्रोत भी है। वह है पढ़ने को लेकर विकसित हुआ शिक्षाशास्त्र।