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गुरु नानक के उद्धरण

नारी से जन्म, हम नारी के गर्भ में ही पलते, नारी से सगाई और ब्याह। नारी से होती मैत्री जगत् के साथ, नारी से ही वंश चलता है। नारी मर जाए तो नारी और खोजते हैं, नारी से ही रहती है मर्यादा। नारी के लिए अपशब्द क्यों कहते हो?