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शरत चंद्र चट्टोपाध्याय के उद्धरण

नारी के लिए पति परम पूजनीय व्यक्ति है। सबसे बड़ा गुरुजन है। लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि स्त्री पुरुष की दासी है। यह संस्कार नारी को जितना छोटा, जितना तुच्छ कर देता है, उतना और कुछ नहीं।

हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

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