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अज्ञेय के उद्धरण

नारी जो कहती है वह उसका अभिप्राय नहीं होता, और जो उसका अभिप्राय होता है, वह कहती नहीं, लेकिन जब भी नारी कुछ कहती है तब उसका कुछ अभिप्राय अवश्य होता है।