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वेदव्यास के उद्धरण

न तो अकिंचनता (दरिद्रता) में मोक्ष है और न किंचनता (संपन्नता) में बन्धन ही है। धन और निर्धनता दोनों ही अवस्थाओं में ज्ञान से ही जीव को मोक्ष की प्राप्ति होती है।