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भास के उद्धरण

मृत्यु का समय आ जाने पर कौन किसको बचा सकता है? रस्सी के टूट जाने पर घड़े को गिरने से कौन रोक सकता है? इसी तरह मनुष्य भी वृक्षों के समान (जैसे वृक्ष समय-समय पर काटे जाते हैं और उत्पन्न हो जाते हैं) समय-समय पर मरते और उत्पन्न होते हैं।