पॉलो फ़्रेरा के उद्धरण
मनुष्यों के अधूरे चरित्र और यथार्थ के रूपांतरणशील चरित्र के कारण ही यह आवश्यक होता है कि शिक्षा, सतत चलती रहने वाली एक गतिविधि हो।
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