Font by Mehr Nastaliq Web

अश्वघोष के उद्धरण

मनुष्य जिस-जिस वस्तु का लगातार चिंतन करता है, अभ्यासवश उसी उसी की ओर उसके मन का झुकाव जाता है।

हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

रजिस्टर कीजिए