Font by Mehr Nastaliq Web

रवींद्रनाथ टैगोर के उद्धरण

मनुष्य जब यह कहता है कि 'मुझे कुछ नहीं चाहिए, मैं इनसे ऊपर हूँ' तो सचमुच वह हृदय की बात कहता है।

अनुवाद : सत्यकाम विद्यालंकार