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गुरु नानक के उद्धरण

मनमुख रूपी कौआ और बगुला भले ही कितना ही समझदार (चतुर) हो; वह गुरु रूपी सरोवर में नहीं रह सकता, क्योंकि कौए, बगुले रूपी मनमुखों को भोजन वहाँ नहीं है, उनका भोजन अलग है।