आदि शंकराचार्य के उद्धरण

लकड़ी के बने हाथी में हाथी दिखाई देता है तो लकड़ी लुप्त हो जाती है और लकड़ी दिखाई देती है तो हाथी लुप्त हो जाता है। उसी प्रकार जगत् में परमात्मा और परमात्मा में जगत् लुप्त हो जाता है।
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