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प्रेमचंद के उद्धरण

कोई मनुष्य, चाहे कितने ही दुःख में क्यों न हो, उस व्यक्ति के सामने अपना शोक प्रकट करना नहीं चाहता जिसे वह अपना सच्चा मित्र न समझता हो।