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वेदव्यास के उद्धरण

किसी की निंदा नहीं करनी चाहिए और न उसे किसी प्रकार सुनना ही चाहिए। यदि कोई दूसरे की निंदा करता हो तो वहाँ अपने कान बंद कर ले अथवा वहाँ से उठकर अन्यत्र चला जाए।