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श्रीनरेश मेहता के उद्धरण

जीवन, मिल के बिने कपड़े की तरह समान-सपाट चिकना नहीं होता; बल्कि उसकी प्रकृति एवं पद्वति खुरदुरी खादी से अधिक मिलती है।