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कृष्ण कुमार के उद्धरण

जिसे उजड़ना कहते हैं, वह भी हर बार अलग तरह से होता है। उजड़ने के बाद दुबारा रचा जाना इतिहास के क्रम का हिस्सा बताया गाया है। एक जीवन उसे जानने या देखने के लिए नाकाफ़ी है।