जे. कृष्णमूर्ति के उद्धरण

जब भय आपके भीतर जगे उस समय क्या आप केंद्र से मुक्त होकर इसका अवलोकन कर सकते हैं—बिना इसे कोई नाम देते हुए? इसके लिए प्रचण्ड अनुशान चाहिए।
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