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वेदव्यास के उद्धरण

इंद्रियाँ, मन और बुद्धि इस (कामभाव) के वास-स्थान कहे जाते हैं। इनके द्वारा ज्ञान को आच्छादित करके यह जीवात्मा को मोहित करता है।