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लास्ज़लो क्रास्ज़्नाहोरकाई के उद्धरण

हम इस दुनिया के बारे में निर्णय तब लेते हैं जब हम जवान होते हैं, लेकिन जिस उम्र में मैं हूँ उसमें एक ही काम हो सकता है कि मैं इस दुनिया को पूरी सहानुभूति के साथ देखूँ। सहानुभूति मेरी उम्र के हिसाब से सबसे उचित प्रतिक्रिया हो सकती है।

अनुवाद : राकेश कुमार मिश्र