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लास्ज़लो क्रास्ज़्नाहोरकाई के उद्धरण

हेराक्लिटस (Heraclitus) का ये कथन कि ‘हम किसी नदी में दुबारा कदम नहीं रखते’—इसकी कितनी भ्रामक व्याख्याएँ हुई हैं। ये वाक्य एक बड़े समूह का हिस्सा है, जो एक जटिल संदर्भ से जुड़ा हुआ है। पूरा यूरोप इस तरह की जटिलता से भरा हुआ है।

अनुवाद : राकेश कुमार मिश्र