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श्रीलाल शुक्ल के उद्धरण

हमारा देश भुनभुनानेवालों का देश है। दफ़्तरों और दुकानों में कल-कारख़ानों में, पार्कों और होटलों में, अख़बारों में, कहानियों और अ-कहानियों में, चारों तरफ़ लोग भुनभुना रहे हैं।